आयकर विभाग में शुरू नहीं हो पा रही ऑनलाइन असेसमेंट की सुविधा
भोपाल। आयकर विभाग में पारदर्शिता के लिए शुरू होने वाले ऑनलाइन असेसमेंट की योजना अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई। विभाग ने नए साल से ई-असेसमेंट कराने का एलान किया था। इसमें आयकर अधिकारी और रेंज के क्षेत्राधिकार का बंधन खत्म हो जाएगा। इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनाने का दावा भी किया गया था। जिसमें प्रावधान है कि भोपाल, इंदौर, रायपुर, जबलपुर अथवा सागर के करदाता का असेसमेंट कोलकाता-मुंबई में बैठा कौन अफसर कर रहा है किसी को भनक नहीं रहेगी। आयकर विभाग में क्रांतिकारी बदलाव लाने का यह प्रस्ताव जमीन पर नहीं उतर पाया। नई व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि करदाता को विभाग के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे और कामकाज में ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता आएगी। इसके बाद मेन्युअल असेसमेंट की व्यवस्था को अलविदा कह दिया जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) का ऐसा मानना है कि इस व्यवस्था से करदाता को अनावश्यक परेशानी से मुक्ति मिलेगी। कामकाज में पारदर्शिता आएगी।
देश में किसी भी अधिकारी को विभाग कहीं का भी प्रकरण असेसमेंट के लिए आवंटित कर देगा। संबंधित अधिकारी को यदि प्रकरण में कोई पूछताछ करनी है तो वह संबंधित करदाता से ऑनलाइन ही संवाद करेगा। उसे करदाता से रूबरू मिलने की जरूरत नहीं होगी।
इसके लिए विभाग में छोटे-बड़े सभी अधिकारियों को ट्रेनिंग देने की बात भी कही गई थी। साथ ही निचले स्तर से ही तकनीकी बदलाव और सिस्टम को अपडेट करने की योजना बनाई गई थी जो अब तक हकीकत में तब्दील नहीं हो पाई।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस बदलाव में व्यावहारिक दिक्कतें आड़े आ रही हैं। इसलिए सीबीडीटी ने हरी झंडी नहीं दी। इसमें आयकर रिटर्न फाइलिंग, नोटिस और जवाब से लेकर असेसमेंट आर्डर सभी ऑनलाइन किए जाएंगे। विभागीय मैदानी अफसरों के मुख्य संगठन संयुक्त कार्रवाई परिषद के संयुक्त संयोजक यशवंत पुरोहित का कहना है कि इस बदलाव में कई अड़चनें हैं।